शुक्रवार, जुलाई 09, 2010

सोचने वाली बातें

अहंकार ----------विवेक को खा जाता है !!
चिंता  ------------आयु को खा जाता है !!
क्रोध --------------ज्ञान को खा जाता है !!
लोभ ------------- ईमान को खा जाता है !!
प्रायश्चित --------पाप को खा जाता है !!
रिशवत ---------न्याय को खा जाती है !!
पाप  ------------मानवता को खा जाता है !!
घमंड -----------भविष्य को अन्धकार बना देती है !!
याचना ---------स्वाभिमान को खा जाती है !!
असत्य --------विश्वास को खा जाता है !!
दरिद्रता -------आत्म गौरो को खा जाती है !!

14 टिप्‍पणियां:

  1. Har baar ki tarah Uttam.

    Par aap ho kaha bhai ji?
    itne dino se koi post nahi ???

    Kabhi mere blog ko bhi dhnya zaroor kijiyega apne aagman se :)

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  2. आपने अपने ब्लॉग में बड़ी प्रेरणादायी बातें लिखी है ,
    ग्राम -चौपाल में पधारने के लिए आभार .

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  3. डाक्‍टर मुo असलम क़ासमी
    कहते है धर्म मूर्खो के लिए नही होता
    शायद इसी लिए धरती जनम के इतने साल बाद भी संतो के कुछ चंद नाम ही गिने जा सकते है

    जरा इनकी बातो पर गौर फरमाइए
    ये भारत को हिन्दू राष्ट बनाने का विरोध करते है और तर्क क्या देते है
    क्या है अश्वमेघ यज्ञ?
    इस यज्ञ में एक ‘ाक्तिशाली घोड़े को दौड़ा दिया जाता था, जो भी
    राजा उसको पकड़ लेता उससे युद्ध किया जाता और उसके राज्य को अपने राज्य
    में मिला लिया जाता था।
    प्रश्न
    यह है कि क्या ‘ाान्तिपूर्ण रह रहे पड़ोसी के क्षेत्र में घोड़ा छोड़कर
    उसे युद्ध पर आमादा करना जायज़ होगा? और ‘आ बैल मुझे मार’ वाली कहावत पर
    अमल करते हुए ‘ाान्ति से रह रहे पड़ोसी से युद्ध कर के उसके क्षेत्र पर
    कब्ज़ा कर लेना, यह कौन सी नैतिकता होगी? और क्या अन्तर्राष्ट्रीय कानून
    इस की अनुमति देगा?

    ये आर्यावर्त में फैले एक राजपरम्परा थी न की हिन्दू परम्परा
    इसी तरह अग्रेजो ने नीति चलायी थी की जिस राजा के संतान नही होगी उसको वो अपने राज्य में मिला लेगे
    दुनिया के हर कोने में इस तरह की परम्परा थी

    अब इनको क्या लगा की यदि हिन्दू राष्ट हो गया तो भारत का प्रधानमंती एक घोडा छोड़ेगा .जो अगर पकिस्तान या चीन में घुस गया
    तो वह से हमें लड़ाई करनी पड़ेगे
    सही मायने में भारत ने आज तक कभी लड़ाई की पहल ही नही की ,सदेव बचाव किया है

    लड़ाई सदेव इस्लाम धर्म के ठेकेदार पकिस्तान ने किया है और जो भी इस्लाम राष्ट है उनकी हालत कुत्तो से भी बेबतर है

    हा हा हा हा हा हा हा

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  4. डाक्‍टर मुo असलम क़ासमी
    कहते है धर्म मूर्खो के लिए नही होता
    शायद इसी लिए धरती जनम के इतने साल बाद भी संतो के कुछ चंद नाम ही गिने जा सकते है

    जरा इनकी बातो पर गौर फरमाइए
    ये भारत को हिन्दू राष्ट बनाने का विरोध करते है और तर्क क्या देते है
    क्या है अश्वमेघ यज्ञ?
    इस यज्ञ में एक ‘ाक्तिशाली घोड़े को दौड़ा दिया जाता था, जो भी
    राजा उसको पकड़ लेता उससे युद्ध किया जाता और उसके राज्य को अपने राज्य
    में मिला लिया जाता था।
    प्रश्न
    यह है कि क्या ‘ाान्तिपूर्ण रह रहे पड़ोसी के क्षेत्र में घोड़ा छोड़कर
    उसे युद्ध पर आमादा करना जायज़ होगा? और ‘आ बैल मुझे मार’ वाली कहावत पर
    अमल करते हुए ‘ाान्ति से रह रहे पड़ोसी से युद्ध कर के उसके क्षेत्र पर
    कब्ज़ा कर लेना, यह कौन सी नैतिकता होगी? और क्या अन्तर्राष्ट्रीय कानून
    इस की अनुमति देगा?

    ये आर्यावर्त में फैले एक राजपरम्परा थी न की हिन्दू परम्परा
    इसी तरह अग्रेजो ने नीति चलायी थी की जिस राजा के संतान नही होगी उसको वो अपने राज्य में मिला लेगे
    दुनिया के हर कोने में इस तरह की परम्परा थी

    अब इनको क्या लगा की यदि हिन्दू राष्ट हो गया तो भारत का प्रधानमंती एक घोडा छोड़ेगा .जो अगर पकिस्तान या चीन में घुस गया
    तो वह से हमें लड़ाई करनी पड़ेगे
    सही मायने में भारत ने आज तक कभी लड़ाई की पहल ही नही की ,सदेव बचाव किया है

    लड़ाई सदेव इस्लाम धर्म के ठेकेदार पकिस्तान ने किया है और जो भी इस्लाम राष्ट है उनकी हालत कुत्तो से भी बेबतर है

    हा हा हा हा हा हा हा

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  5. गुस्से में कोई भी काम अच्छा नहीं होता. जरा सोचिये आपने यू पी का बड़ा संगठन बना तो लिया पर किया क्या आपने. आपके लिए तो हमने वह नाम भी छोड़ दिया. जरा सोचिये जब आपमें वह क्षमता नहीं थी तो गुस्सा क्यों. आज तक आप एक पोस्ट भी नहीं डाल सके.

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  6. उत्तरप्रदेश ब्लोगर असो. अपनी माँ चुदाने के लिए बनाये थे भोसड़ी के, तुम्हारी बहन भाग गयी क्या जो बंद कर दिए. सेल काफिरों को बोलने का मौका दे दिया की मुस्लमान बेवजह चिल्लाते रहते हैं. सेल शुरू कर असो. को नहीं तो मैं आ-आ कर तेरी माँ चोदता रहूँगा.

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  8. उत्तरप्रदेश ब्लोगर असो. अपनी माँ चुदाने के लिए बनाये थे भोसड़ी के, तुम्हारी बहन भाग गयी क्या जो बंद कर दिए. साले काफिरों को बोलने का मौका दे दिया की मुसलमान बेवजह चिल्लाते रहते हैं. साले शुरू कर असो. को नहीं तो मैं आ-आ कर तेरी माँ चोदता रहूँगा. साला आकर बोली बोल रहा है और तुम चुपचाप बैठे हो.

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