फ़िरदौस जी की हिम्मत की मैं दाद देता हूँ और एक वक़्त था जब सभी धर्म के ठेकेदार और जानकार उनके पीछे पड़े हुए थे और फ़िरदौस जी उनकी एक न सुनी. लोगों को लगा कि वे हिन्दू धर्म में जाने के लिए मन सा बना लिया है और शीघ्र ही वे हिन्दू धर्म स्वीकार कर लेंगी. उन्हें किसी ने हिन्दू धर्म स्वीकार करने का न्योता दे दिया था. लेकिन फ़िरदौस जी, महफूज़ जी और हम जैसे राष्ट्रवादी जानते हैं कि हमारे लिए धर्म कोई मायने नहीं रखता है. हम राष्ट्रवादी किसी भी धर्म में रहें, हम न तो हिन्दू में ही होते हैं न मुस्लिम में; हम सबमें होते हुए भी किसी में भी नहीं होते बल्कि राष्ट्रवादी होते हैं. हम देश-हित को पहले रखते हैं, धर्म को नहीं. हाँ अगर डीपली कहें तो इस्लाम धर्म से थोडा ज़्यादा विमुख और हिन्दू धर्म के थोडा सा करीब होते हैं क्यूंकि हम भारत में रहते हैं और हमें यहाँ उसी हिसाब से चलना पड़ेगा जैसा कि राष्ट्रवाद की विचारधारा हमें बताती है और यही हमारे हित में भी है. हर वह भारतीय राष्ट्रवादी मुस्लिम फ़िर चाहे वह शाहरुख ख़ान हो, आमिर ख़ान हो अथवा सलमान ख़ान और हाँ सैफ़ अली ख़ान (करीना वाला), महफूज़ जी,और हम सब-के-सब राष्ट्रहित में शराब भी पी लेते हैं हमें कोई हर्ज़ नहीं क्यूंकि हमें पता है कि शराब तो मात्र मनोरंजन का साधन है.
तो शीर्षकान्तर न हो, मैं मुद्दे पर आता हूँ आज की पोस्ट में दी गयी टिपण्णी के चित्र में फ़िरदौस जी ने जिस दीलेरी से स्वयं को "काफ़िर" घोषित किया वह वाक़ई क़ाबिले-तारीफ़ है और हम सबको, हम सभी राष्ट्रवादियों को फ़िरदौस जी की इस हिम्मत को दाद देनी चाहिए. मैं पूछता है किसी में इतनी हिम्मत?
क्या आप एक भी ऐसे मुसलमान को जानते हैं जो पहले इस्लाम पर लिखता हो, बल्कि ब्लॉग-जगत के कथित "विश्व के प्रथम एवम एकमात्र इस्लाम धर्म के चिट्ठे" का सक्रिय सदस्य हो और फ़िर कूप-मंदूप्ता से निजात पाई हो, वो एकमात्र ब्लॉगर हैं: हम सबकी चहेती राष्ट्रवादी फ़िरदौस जी!
क्या आप किसी ऐसे मुस्लिम को जानते हैं जो इस्लाम धर्म में घुटन महसूस करता हो और हिन्दू धर्म अपनाने का उसे न्योता मिला हो. वो एकमात्र ब्लॉगर हैं: हम सबकी चहेती राष्ट्रवादी फ़िरदौस जी! लेकिन चुकि राष्ट्रवादी धर्म के ऊपर होते है और राष्ट्रहित से लबरेज़ रहते हैं. इसीलिए उन्होंने हिन्दू धर्म स्वीकार करने से मना कर दिया.
क्या आप किसी ऐसे मुसलमान को जानते हो जो इस्लाम धर्म में रहते हुए स्वयं को "काफ़िर" घोषित कर चुका हो? वो एकमात्र ब्लॉगर हैं: हम सबकी चहेती राष्ट्रवादी फ़िरदौस जी!
काफ़िर का मतलब क्या होता है?
काफ़िर उसे कहते हैं जो ईश्वर के अस्तित्व को सिरे से इनकार कर दे. अंग्रेजी में नॉन-मुस्लिम कहते हैं!
सभी राष्ट्रवादी ब्लॉगर से अनुरोध है कि फ़िरदौस जी के विचारों का साथ दें!
जय हिंद! जय भारत !! जय राष्ट्रवाद !!!