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मंगलवार, अप्रैल 20, 2010

.........औरत की ताकत उसकी हिम्मत में है...



औरत का हुस्न उसकी सादगी  में है .

औरत की ताकत उसकी हिम्मत में है .

औरत की हया उसकी नजरो में है .

औरत का गुस्सा उसकी ज़बान पर है .

औरत की काबिलियत उसकी सीरत में है.
 
औरत  का ज़मीर उसकी ख़ामोशी में है. 

2 पाठकों ने अपनी राय व्यक्त की:

Shekhar Kumawat ने कहा…

औरत की काबिलियत उसकी सीरत में है.

औरत का ज़मीर उसकी ख़ामोशी में है.



bahut khub


shekhar kumawat

http://kavyawani.blogspot.com/

kunwarji's ने कहा…

parivartan achhe hai!
badhaai ho!badhiya kavita!

kunwar ji,