इधर कुछ दिनों से ब्लॉग जगत में धार्मिक विद्वेष वाली पोस्ट लिख कर चंद लोग खूब सुर्खियाँ बटोर रहें हैं. एक तरफ़ वे है जो इनका विरोध करके अपनी रोटी सेंक रहें है तो दुसरी तरफ़ उनका समर्थन कर. मैंने देखा है कि इन सब से दूर मैं और महफूज़ जी और फ़िरदौस जी हमेशा से ही मध्यस्थ रहें है और देश-हित के समर्थन में रहें है. मैं तो ख़ैर नया ही हूँ.
कुछ लोग ब्लॉग को प्रतिबन्ध की बात कर रहें हैं तो मेरा मानना है कि क्यूँ न सभी मुस्लिम ब्लॉगर को बहिस्कृत कर देना चाहिए सिवाय महफूज़ जी, फ़िरदौस जी और मेरे ब्लॉग को.
मेरी बात का समर्थन देने वाले लोगों से अपील है कि इस मुद्दे पर मेरा साथ दें कि सभी मुस्लिम ब्लॉगर्स को बहिस्कृत कर प्रतिबंधित कर देना चाहिए सिवाय महफूज़ जी, फ़िरदौस जी और मेरे ब्लॉग को.
16 पाठकों ने अपनी राय व्यक्त की:
माफ़ करें मगर निहायत ही बचकानी सोच है , ब्लोग और ब्लोग पोस्टों को सिर्फ़ उनमें लिखे गए विचारों और शब्दों से आंकें , उसके लेखक के नाम उसकी ,जाति,मज़हब, क्षेत्र आदि से नहीं । जाने हिंदी ब्लोग्गिंग कब परिपक्व होगी ।
बाबु जौनपुरिया , हम बिलकुल नाराज नहीं होंगे आपकी बात से। क्योंकि आप ठहरे हमारे पडोसी । और जौनपुर से तो उतना ही प्यार करते हैं जितना की अपनी बीबी से।
रही बात सभी मुस्लिम ब्लोगेर को हटाने की तो मेरे समझ से ये रास्ता गलत है। हमें जरुरत है तो उनकी समझ को बदलने की। उन्हें समझाने की, कि आज का दौर धार्मिक विषयों पर बात करने का नहीं है। समाज मैं और भी काम है । हमें चाहिए कि मिलकर के अपने -अपने समाज के अन्दर फैली हुई बुराइयों को दूर करे।
ha-ha-ha वो डाक्टर बाबू सिर पर इंजक्शन घोप देगा आपके !
आपसे सहमत हो जाता लेकिन नये हो इस लिये सही गिनती नहीं दे रहे हो, अभी रूको फिर एक जैसे मिजा
ज के 2 नाम और पता लगेंगे, फिर ब्लागवाणी से फरियाद करना वर्ना अनर्थ हो जायेगा
यह कटाक्ष है?
शुकर है आपने ब्लॉग में ही बैन करने को कहा है भारत से ही बहिष्कृत करने को नहीं कहा जो कुछ लोग कहते हैं
हा हा हा!
इतनी नाराजगी भी अच्छी नहीं एजाज भाई!
एक मौका तो दो,सभी सकारात्मक सोच सकते है!
और गोदियाल जी कि बात को........"
बहुत बढ़िया!
कुंवर जी,
ये ज़िन्दगी के मेले, दुनिया में कम ना होंगे
अफ़सोस हम ना होंगे
इक दिन पडेगा जाना क्या वक़्त, क्या ज़माना
कोई न साथ देगा सब कुछ यही रहेगा
जाएंगे हम अकेले, ये ज़िन्दगी...
दुनिया है मौज-ए-दरिया, कतरे की ज़िन्दगी क्या
पानी में मिल के पानी, अंजाम ये के फ़ानी
दम भर को सांस ले ले, ये ज़िन्दगी...
होंगी यही बहारें, उल्फत की यादगारें
बिगडेगी और चलेगी दुनिया यही रहेगी
होंगे यही झमेले ये ज़िन्दगी..
alvida bloging
yahan jhagda hindoo-muslim ka nahin hai.. aap is tarah ke lekh kyon likh rahe hain. jhagda sirf galat soch ka hai chahe us soch ko rakhne wale hondoo hon ya muslim.
ब्लॉगिंग में यह धर्म कहाँ से आ गया? जो अच्छा लिखेगा उसे हम पढ़ेंगे।
घुघूती बासूती
मेरा नाम भी अपने साथ शामिल कर लेते तो आपका क्या बिगड़ जाता भाई जान ?
क्यूँ जौनपुरिया बाबु, आप मैं कोन से सुर्खाब के पर लगे है ? जो आपका बॉयकॉट ना किया जाए?
कुछ लोग ब्लॉग को प्रतिबन्ध की बात कर रहें हैं तो मेरा मानना है कि क्यूँ न सभी मुस्लिम ब्लॉगर को बहिस्कृत कर देना चाहिए सिवाय महफूज़ जी, फ़िरदौस जी और मेरे ब्लॉग को.
मेरी बात का समर्थन देने वाले लोगों से अपील है कि इस मुद्दे पर मेरा साथ दें कि सभी मुस्लिम ब्लॉगर्स को बहिस्कृत कर प्रतिबंधित कर देना चाहिए सिवाय महफूज़ जी, फ़िरदौस जी और मेरे ब्लॉग को.
मित्र एजाज अहमद इदरीसी,
यदि यह कटाक्ष है तो बहुत ही सुन्दर आईना दिखाता कटाक्ष है... मैं आपके साथ हूँ!
और यदि सचमुच आप ऐसा चाहते हैं तो आपको अभी बहुत कुछ जानने-सीखने की जरूरत है।
आभार!
उल्लू की दुम मुझे किसमें गिनेगा, आजा तुझे खास जगह की सर्जरी बारे में बताउंगी
http://iamfauziya.blogspot.com/2010/04/blog-post_27.html
अजी आप तीनो के अलावा सबकी नागरिकता भी समाप्त कर देनी चाहिए
अगर यह कटाक्ष है तो अलग बात है अन्यथा आप जल्दबाजी में राय बना रहे हैं। कुछ मुस्लिम ब्लॉगर ही भड़काऊ लिखते होंगे, बहुत से मुस्लिम ब्लॉगरों को मैं जानता हूँ जो धर्म पर तो लिखते ही नहीं बल्कि बहुत ही अच्छे विषयों पर अच्छा लिखते हैं। उदाहरण स्वरुप यूनुस खान जी, जाकिर अली जी आदि। ऐसे बहुत से नाम होंगे मैं सब को नहीं जानता।
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